Saturday, October 2, 2010

Once Upon a Time in Mumbaai (2010) :-Randeep Hooda's Arresting act


ये फिल्म तीन लोगो के कंधे पर टीकी है .Ajay Devgan
,Emraan Hashmi,Randeep Hooda .फैसन मूवी के बाद एक बार फिर कंगना रानावत का अच्छा अभिनय .she is a good actor.अजय ने बढ़िया एक्टिंग की है .उनको देख के लगता है की हाजी मस्तान ऐसे ही होंगे .इमरान हासमी ने घर के बाहर( ये मूवी भट्ट कैंप की नहीं है ) की मूवी होते हुए भी अच्छी एक्टिंग की है .हाँ रणदीप हुदा ने बेहतरीन एक्टिंग की है .एक लफ्ज़ में कहू तो Arresting act .पोलिस के रोल में वो खूब जाचे है.बहुत दिनों के बाद एक अच्छी मूवी देखने को मिली.मैं इस मूवी को 09/10 point दूंगा

Friday, October 1, 2010

Tumsa Nahin Dekha (2004) :- मासूम चेहरे वाली हेरोइन


its a light movie and one time watchable.फिल्म में कुछ खास नहीं है .मुझे फिल्म में ज्यादा मज़ा नहीं आया न फिल्म चली और न ही दिया मिर्ज़ा .बेचारी दिया मिर्ज़ा ने इस मूवी में वो सब किया जो फिल्म चलने के लिए जरुरी होता है .किस ससेने दिया और छोटे कपड़े पहने .फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिली .दिया मिर्ज़ा खुबसूरत है और मासूम चेहरे वाली है .फिर भी लोगो ने उन्हें नहीं पसंद किया पता नहीं क्यों .मुझे लगता है की बॉलीवुड में मासूम चेहरे वाली हेरोइन नहीं चलती है .जैसे दिया मिर्ज़ा , प्रीती ज्ञ्हन्गिअनि,हंसिका मोटवानी (दिव्या भारती को छोड़के).मुझे इस मूवी में किसी का भी काम अच्छा नहीं लगा हाँ दादी का किरदार अच्छा है सिर्फ किरदार अच्छा लगा .मैं इस मोवी को ०५/१० पॉइंट दूंगा

Wednesday, September 22, 2010

apartment 2010 movie:-The film can be seen for nitu chandra


इस फिल्म को नीतू चन्द्रा के लिए देखा जा सकता है .ये अलग बात है की बहुत से लोग नीतू चन्द्रा को नहीं जानते होगे .मूवी तो ठीक ठाक है,लेकिन ये मूवी क्यों नहीं चली पता नहीं .शायद इसमें बड़ी स्टार कास्ट नहीं है और स्टोरी में नयापन भी नहीं है .इसतरह की कई मूवी बन चुकी है. जैसे गर्लफ्रेंड,इस में ईशा कोपिकर ने वही किरदार निभाया है जो नीतू चन्द्रा ने निभाया है .
वैसे इस तरह की मूवी में गाने नहीं हो ने चाहिए . मूवी की कुल लम्बाई 1घ. 40 मि है .अगर गाने नहीं होते तो मूवी कुल 1 घ 20 मि रह जाती.शायद निर्देशक ने गाने डालकर मूवी की लम्बाई को बढ़ाया है .
तनुश्री दत्ता का काम अच्छा है .उनकी मूवी 'आशिक बनाया आप ने' से आज के काम में काफी उन्नति हुई है.
हीरो (रोहित रॉय ) के बारे में क्या लिखू वो तो सारी मूवी में हिरोइन को ही मनाता रहा है .फिल्म ठीकठाक है और पूरी फिल्म में एकसी गति बनी रहती है .इस लिए फिल्म में कही उब नहीं होती है .एक बार देखने योग्य फिल्म है .मैं इस मूवी को ०८/१० पॉइंट दूंगा

Sunday, September 19, 2010

irobot 2004 hollywood movie review


seems,smith much like sci-fi movie.so he is much work in sci-fi moive.as Independence Day, Men in Black,Men in Black II,I, Robot,Hancock etc.this movie was nothing special to me.because hollywood movie is known for its high-tech.In this movie she did not look anywhere.More could be shown terror robot.so i give the point of this movie 05/10

सन्नी देओल जाल में नहीं बांध पाए


an other patriot movie staring sunny deol Jaal: The Trap (2003).no entertaining no watchable .i give point 03/10.3 point only tabbu acting ok not other.she is a good actor.this movie is nothing to see in.

Sunday, July 25, 2010

city of gold 2010 hindi movie review


'city of gold' इस movie के लिए मैं एक ही लाइन लिखूंगा की 'this movie is the best'. लेकिन ये movie उनके लिए है जो कुछ अच्छा और real देखना चाहते है. ये उनके लिए नही है जो आम bollywood movie देखना चाहते है. उनके समझ मे ये movie आएगी ही नही.
महेश मांजरेकर ऐसी movie भी बना सकते है मुझे नही मालूम था . महेश 15 सालो मे काफ़ी मांझ गये है. महेश का ये प्रयास अच्छा है.उन्हो ने अतीत से अच्छा परिचय कराया है. सभी actors ने अच्छा काम किया है. शायद ये director का ही कमाल है की उसने कश्मीरा शाह जैसी actor से अच्छा काम ले लिया है. क्योकि वो तो आईटम सॉंग के लिए जानी जाती है. मुझे सबसे ज़्यादा बहन का काम अच्छा लगा.
निम्न वर्ग का सही चित्रण है. जब हालत कुछ अच्छे रहते है तब कुछ और बात रहती है और जब हालत बहुत ज़्यादा खराब होते है तो कुछ और बात हो जाती है. जैसे बहन का किसी से अफेयर होता है तो वोह गर्भवती हो जाती है,तो घर मे काफ़ी हंगामा हो जाता है और हालत बिगड़ ने पे वही बहन अपना जिस्म बेच के पैसा लाती है तो वो रख लिया जाता है.
director ने छोटी छोटी बात पे ध्यान दिया है. जैसे आखरी scene मे मोहन मामा से सिगरेट मानता है तो मामा कहता है .की एक ही है चलो एक से ही काम चला लेते है.director का इशारा मामी की तरफ होता है. क्योकि मामा से मामी को कोई औलाद नही हो रही होती है तो मामी मोहन के पास जाती है औलाद के लिए.
इस तरह की movie के लिए शब्र की ज़रूरत होती है फिल्म जैसे जैसे आगे बदती है वैसे वैसे फिल्म मे intrest पैदा होता है.movie end तक कसी हुई है. मैं इस movie को 10/10 point दूँगा.
keep it up mahesh .
लगे रहो महेश भाई.......

Friday, July 23, 2010

housefull 2010 hindi movie review


housefull 2010 hindi movie review
इसकी story मे कुछ दम नही है.लेकिन हाँ director हॅसाने मे कामयाब रहा है.aksay & arjun rampal का काम अच्छा है और boman always work good.तीनो हीरोइन ने जम के एक्सपोज़ किया है. शायद 'कहानी' की माँग थी. अक्सर bollywood हीरोइन यही कहती है हा हा हा.... one time watchable movie. मैं इस movie को 07/10 point दूँगा. वैसे तो मैं 08 point देता मगर ज़्यादा expose के लिए एक point काट लिया हा हा हा.....
इस फिल्म मे जब jiya khan की शलवार सूट मे पहली बार entry होती है तो मैं तो पहचान ही नही पाया की ये jiya khan है .लगा की कुछ पहचाना हुआ चेहरा है .तो मैने imdb.com पे housefull movie ki cast देखी तब पता चला की ये तो jiya khan है .हाँ jiya शलवार सूट मे अच्छी लग रही थी .अगर हम लोगो को expose ही देखना है तो hollywood की movie ही बहुत है .
such a such a loser हा हा हा.... अच्छी कल्पना है