its a light movie and one time watchable.फिल्म में कुछ खास नहीं है .मुझे फिल्म में ज्यादा मज़ा नहीं आया न फिल्म चली और न ही दिया मिर्ज़ा .बेचारी दिया मिर्ज़ा ने इस मूवी में वो सब किया जो फिल्म चलने के लिए जरुरी होता है .किस ससेने दिया और छोटे कपड़े पहने .फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिली .दिया मिर्ज़ा खुबसूरत है और मासूम चेहरे वाली है .फिर भी लोगो ने उन्हें नहीं पसंद किया पता नहीं क्यों .मुझे लगता है की बॉलीवुड में मासूम चेहरे वाली हेरोइन नहीं चलती है .जैसे दिया मिर्ज़ा , प्रीती ज्ञ्हन्गिअनि,हंसिका मोटवानी (दिव्या भारती को छोड़के).मुझे इस मूवी में किसी का भी काम अच्छा नहीं लगा हाँ दादी का किरदार अच्छा है सिर्फ किरदार अच्छा लगा .मैं इस मोवी को ०५/१० पॉइंट दूंगा
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